विपक्ष के घमण्डिया गठबंधन का असली चेहरा देश के सामने उजागर हुआ : राकेश सिंह - Jabalpur Samachar

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विपक्ष के घमण्डिया गठबंधन का असली चेहरा देश के सामने उजागर हुआ : राकेश सिंह


जबलपुर : संसद का मानसून सत्र 2023, अपने आप में एक अत्यंत सफल एवं प्रभावी सत्र रहा है। सत्रारंभ के पूर्व से ही विपक्ष के घमंडिया गठबंधन का रवैय्या देश के सामने आ चुका था। मणिपुर में हुई दुर्भाग्यजनक हिंसा की आड़ में संसद की कार्यवाही को बाधित एवं देश की जनता को गुमराह करने का षड़यंत्र रचा गया। परन्तु जैसे-जैसे संसद का सत्र आगे बढ़ा, विपक्ष के घमंडिया गठबंधन का असली चेहरा उजागर हो गया। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अनेक विधेयक जनहित में पारित हुए एवं विपक्ष के घमंडिया गठबंधन का भ्रामक दुष्प्रचार विफल हुआ। विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा लगातार किए जा रहे व्यवधानों और हंगामे के बावजूद, मोदी सरकार ने आम नागरिकों के जीवन को और अधिक सरल एवं सुविधाजनक बनाने हेतु महत्वपूर्ण विधायी सुधार पारित किए हैं।

यह न केवल आम जनता के हित में काम करने के मोदी सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, बल्कि विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा खेली जा रही संवेदनहीन और संकीर्ण सोच वाली राजनीति को भी उजागर करता है। सत्र के दौरान बाधाएं पैदा करने की तथा देश की जनता को गुमराह करने के विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के प्रयास विफल रहें हैं। इसके बाद भी, मोदी सरकार ने सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत को अमृत काल में ले जाने की दिशा में अपने कदमों को मजबूती से आगे बढ़ाया है। इस सत्र में लोकसभा और राज्यसभा के साथ 25 सरकारी विधेयक प्रस्तुत किए गए, जिसमें से 23 विधेयक दोनों सदनों में पारित हुए।

जिनमें प्रमुख रूप से पारित किये गये विधेयक :-

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023

डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण (डी.पी.डी.पी.) विधेयक, 2023

मध्यस्थता विधेयक, 2023

अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक, 2023

तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023

राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक, 2023

सरकार ने औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों को निरस्त करने और अमृत काल के अनुरूप सुधार लाने के उद्देश्य से देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए तीन विधेयक भी प्रस्तुत किए। तीनों विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजा गया। लोकसभा और राज्यसभा में प्रश्नकाल क्रमशरू 3.0 और 4.8 घंटे तक चला। मौखिक रूप से उत्तर दिए गए प्रश्नों की कुल संख्या लोकसभा में 29 और राज्यसभा में 72 थी। राज्यसभा और लोकसभा में 22 समितियों की रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं। भारत के इतिहास में पहली बार, 25 जुलाई, 2023 को राज्यसभा की अध्यक्षता किसी उत्तर-पूर्वी राज्य की सांसद श्रीमती एस. फांगनोन कोन्याक (भाजपा, नागालैंड) ने की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अविश्वास प्रस्ताव और देश में हाल की सभी घटनाओं के खिलाफ संसद में सबसे लंबे भाषणों में से एक दिया, जो दो घंटे से अधिक समय तक चला। देश के ग्रह मंत्री श्री अमित शाह जी ने एन.सी.टी. दिल्ली (संशोधन) विधेयक, 2023 पर जवाब देते हुए विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सभी झूठे दावों का करारा जवाब दिया। यह प्रतिक्रिया सबसे गहन प्रतिक्रियाओं में से एक थी क्योंकि इसने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया और उन सभी मिथकों को खारिज कर दिया जो घमंडिया गठबंधन के सदस्य फैला रहे थे, यह भाषण 7 अगस्त 2023 को एक घंटे से ज्यादा समय तक चला।

श्री अमित शाह जी ने अविश्वास प्रस्ताव मुद्दे पर विपक्ष के घमंडिया गठबंधन को जवाब देते हुए सभी को करारा जवाब दिया और यह भी बताया कि मोदी सरकार ने मणिपुर मुद्दे को कैसे संभाला है। गृह मंत्री श्री अमित शाह पूर्व की सरकारों के समय मणिपुर में इसी तरह की जातीय झड़पों के अतीत के उदाहरण सामने लाए। उन्होंने विपक्ष से कहा आप कह रहे हैं कि मणिपुर जल रह है, लेकिन आपके शासनकाल में पूर्वोत्तर के सभी आठों राज्य जल रहे थे।उन्होंने कहा ‘मणिपुर में पहले से भी नस्लीय हिंसा होती आ रही है. इससे पहले नरसिंह राव सरकार के दौरान 1993 में भी नगा-कुकी हिंसा हुई थी, जिसमें 750 से ज्यादा लोग मारे गए। जहां कोई चर्चा नहीं हुई, या केवल गृह राज्य मंत्री ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “वे पूछ रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने बात क्यों नहीं की, वे भूल गए कि जब 1993 में इसी तरह की झड़प हुई थी, तब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री राजेश पायलट ने ही संसद में जवाब दिया था।”

श्री शाह ने कहा कि वह राज्य में तीन दिनों तक रुके थे और उनके राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 23 दिनों तक वहां डेरा डाला था।गृह मंत्री ने कहा, यह जातीय हिंसा है और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। 09 अगस्त 2023 को संसद में दिया गया उनका यह भाषण 1 घंटे से अधिक समय तक चला।

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान व्यवधान एवं वॉक-आउट

विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा पूरे मानसून सत्र में मणिपुर के मुद्दे पर बाधा डालने का काम किया गया। और जब वास्तव में इस मामले पर चर्चा करने और उस पर मोदी सरकार के बयानों को सुनने की बात आई, तो विपक्ष के घमंडिया गठबंधन ने वॉक-आउट कर दिया। जिससे यह इंगित होता है कि उनका पूरा एजेंडा केवल इस मुद्दे पर दिखावा करना था और वास्तव में इसे संबोधित करना नहीं था। विपक्ष के घमंडिया गठबंधन द्वारा मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए सदन में अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी सरकार के विभिन्न नेताओं ने सदन को संबोधित किया और जिनमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं श्री अमित शाह जी ने मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देश को अवगत कराया।

व्यवधानों के कारण निलंबन

संसद का मानसून सत्र अनियंत्रित आचरण, अध्यक्ष के निर्देशों का पालन करने में विफलता आदि के कारण विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सांसदों के निलंबन के कई मामलों से भरा रहा।

मानसून सत्र के सकारात्मक पक्ष

विपक्ष द्वारा किये गए विरोध और व्यवधान के बाद भी सत्र का सकारात्मक पक्ष ये रहा कि विपक्ष के घमंडिया गठबंधन की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई। अविश्वास प्रस्ताव INDIA गठबंधन के विपक्ष के घमंडिया गठबंधन सदस्यों द्वारा लाया गया था। इसमें बहस में भाग लेने वाले 59 संसद सदस्य शामिल हैं। सदन के प्रत्येक सदस्य को सदन में बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और चर्चा उपरांत उसे सदन ने बहुमत से अस्वीकार कर दिया। संसद के मानसून सत्र में 23 दिन की अवधि में 17 बैठकें हुईं और संसद के दोनों सदनों से कुल 21 विधेयक पारित किये गये। जिसमें मेरे द्वारा 3 तारांकित एवं 7 अतारांकित प्रश्न पूछे गए। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सदन में दिए गए संबोधन के प्रमुख बिंदु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार विश्वास जताया है। मैं आज देश के कोटि कोटि नागरिकों का आभार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ। उन्होंने कहा कि ये लोग वर्ष 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उस समय भी हमने कहा था, यह हमारा फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि विपक्ष का फ्लोर टेस्ट है।




प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि आपको गरीबों की भूख की चिंता नहीं है, आपको सत्ता की भूख है। आपको देश के युवाओं का भविष्य नहीं बल्कि अपने भविष्य की चिंता है।उन्होंने कहा हमारे देश की युवा पीढ़ी का सामर्थ्य आज विश्व ने माना हुआ है। हमें उनके सामर्थ्य पर भरोसा करना चाहिए। हमारी युवा पीढ़ी अपने संकल्प को सिद्धि तक ले जाने का सामर्थ्य रखती है। हमने युवाओं को घोटाले रहित सरकार दी है। विपक्ष के घमंडिया गठबंधन के सीक्रेट वरदान के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कहा कि “जिसका ये बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा”। 

प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश में अर्थव्यवस्था के विकास के बारे में विपक्ष को घेरते हुए कहा कि हमारी अगली सरकार में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। यह रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म करके हम तीसरे नंबर पर पहुंच जायेंगे। देश का विश्वास है, 2028 में विपक्ष के घमंडिया गठबंधन जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगा तब देश पहले तीन में होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आगे कहा कि विपक्ष ने INDIA के टुकड़े कर दिए। यू.पी.ए को यह लगता है कि देश का नाम इस्तेमाल कर के अपनी ओर विश्वास को बढ़ाया जा सकता है।



प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूँ, वह वर्षों से एक ही फेल प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करते हैं। प्रधानमंत्री ने मणिपुर की जनता को आश्वासन देते हुए कहा कि हम कसम खाते हैं कि मणिपुर के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं, और वहां शांति का सूरज जरूर निकलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को इतिहास का वो हिस्सा याद दिलाया जिसमें देश की ही वायुसेना से 5 मार्च 1966 में मिजोरम पर हमला करवाया गया था। कांग्रेस ने इस सत्य को देश से छुपाया है। पूर्वोत्तर के लोगों के विश्वास की इन्होंने हत्या की है।

गृह मंत्री श्री अमित शाह जी द्वारा सदन में दिए गए संबोधन के प्रमुख बिंदु

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने मणिपुर त्रासदी को लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही राजनीति को शर्मनाक बताया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ‘होता है’ रवैया एन.डी.ए. के बजाय यू.पी.ए. सरकार की अधिक विशेषता रही है। उन्होंने बताया कि मणिपुर में पिछले छह वर्षों से स्थिरता का अनुभव हो रहा है, नगण्य घुसपैठ और कोई कर्फ्यू या नाकाबंदी नहीं है। उन्होंने 29 अप्रैल से पहले मैतेई समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के उच्च न्यायालय के फैसले की आलोचना की, जिसके कारण दंगे हुए। उन्होंने मणिपुर में जातीय संघर्षों में योगदान देने वाले कारणों के बारे में खास जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 3 मई से पहले तक पिछले 6 वर्षों में कोई कर्फ्यू नहीं लगाया गया था।

उन्होंने एक विशेष जांच दल की स्थापना और मणिपुर के लिए 30,000 मीट्रिक टन राशन के आवंटन के बारे में बताया।गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने अपने भाषण में सदन को बताया कि मणिपुर की हिंसा में हमारा कोई आदमी शामिल नहीं है। मैं यहाँ सदन में नाम नहीं लेना चाहता हूँ अगर आप सुनना चाहते हैं तो मैं बता सकता हूँ, गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में सभी का नाम हैं। माननीय गृहमंत्री जी ने कहा कि 1 पैसे के कमीशन के बगैर 25 लाख करोड़ देश के गरीबों के बैंक खाते में सीधा पहुँचाया गया है। उन्होंने अंत में चीनी एजेंसियों द्वारा न्यूजक्लिक की फंडिंग पर चर्चा करते हुए उन लोगों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया जो भाजपा पर सवाल उठाते हैं।